Death of Swami Vivekananda - किस बीमारी के चलते स्वामी विवेकानंद का निधन हुआ था

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स्वामी विवेकानंद का निधन महज 39 वर्ष की उम्र में ही हो गया था। उन्होंने खुद ही अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी कर दी थी। उन्होंने कहा था, 'बीमारियाँ मुझे 40 साल भी पार नहीं करने देंगी।' स्वामी विवेकानंद काफी विलक्षण प्रतिभाशाली थे। उन्होंने अपनी ज्ञान, आध्यात्म और देशप्रेम से विश्व के अपना परचम लहराया।


जैसा कि पहले बताया गया है कि स्वामी विवेकानंद का निधन महज 39 वर्ष में हो गया था। ऐसी क्या बीमारी थी स्वामी को जिससे कारण उनका निधन इतने कम उम्र में हो गया। नरेंद्रनाथ दत्त (स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम) 25 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़कर संन्यासी बन गए थे।


Death of Swami Vivekananda
Death of Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय

  • जन्म स्थान - 12 जनवरी 1863, कलकत्ता (बंगाल)
  • बचपन का नाम- नरेंद्रनाथ दत्त
  • माता का नाम - भुवनेश्वरी देवी
  • पिता का नाम - विश्वनाथ दत्त
  • मृत्यु - 4 जुलाई 1902, बेलूर (रामकृष्ण मठ में)

स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। संन्यास लेने के बाद ही नरेंद्रनाथ दत्त स्वामी विवेकानंद बन गए। उन्होंने 1 मई 1897 को कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 9 दिसंबर 1898 को बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना भी की थी।


स्वामी विवेकानंद को कई बीमारियाँ थी। खासतौर पर उन्हें दमा और डायबिटीज की बीमारी ज्यादा परेशान करती थी। उन्होंने अपना शरीर 4 जुलाई 1902 को गंगा किनारे स्थित बेलूर रामकृष्ण मठ में ध्यानमग्न अवस्था में महासमाधि ले ली। इसी अवस्था में उन्होंने अपना प्राण त्याग दिए। उनका अंतिम संस्कार बेलूर में ही गंगा तट पर किया गया।


स्वामी विवेकानंद धर्म, दर्शन, इतिहास, समाजिक विज्ञान, कला, साहित्य जैसे विषयों के ज्ञाता थे। उन्होंने अपने जीवन में पश्चिमी दर्शन, यूरोपीय इतिहास का अध्ययन भी किया था। इसके साथ-साथ उन्हें वेद, उपनिषद्, भगवद् गीता, महाभारत, रामायण और पुराणों में भी गहन रूचि थी।


स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन काल में युवाओं को प्रेरित करने काम किया। उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उनका रोम-रोम राष्ट्रभक्ति और दीन-दुखियों की सेवा की भावना से ओत-प्रोत था।

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