Emergency in India - भारत में आपातकाल लगाने का मुख्य कारण क्या था?

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25 जून 1975 को भारत में आपातकाल (Emergency in India) की घोषणा की गई। भारत में आपातकाल (Emergency in India) की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद के द्वारा संविधान की धारा 352 के तहत की गई थी। देश में आपातकाल लगते ही नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया और देश में केंद्रीय सरकार का पूर्ण नियंत्रण हो गया। राज्य सरकारों की शक्तियाँ छिन गई। बताया जाता है कि आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों को छीन कर मनमानी किया गया।


Emergency in India
भारत में आपातकाल लगाने का मुख्य कारण क्या था?

आपातकाल में इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया और प्रेस की स्वस्तंत्रता पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। इसी दौरान इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी द्वारा देश में जबरन पुरुषों का नसबंदी करवाया गया। उस वक्त जयप्रकाश नारायण ने इसे देश का सबसे काला दिन "भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि" बताया था।


भारत में आपातकाल (Emergency in India) लगाने के पीछे का कारण


बात 1971 की है जब देश में आम चुनाव संपन्न हुआ था। इस चुनाव में इंदिरा गांधी के खिलाफ राज नारायण ने चुनाव में हिस्सा लिया था। चुनाव में राज नारायण की हार हुई थी। लेकिन चार साल बाद राज नारायण ने हाईकोर्ट में चुनाव के परिणामों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। राज नारायण ने अपने हलाफनामे में इंदिरा गांधी पर चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग, मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित करने और सीमा से अधिक चुनाव में खर्च करने का जिक्र किया था।


कोर्ट ने सुनवाई में इन आरोपों को सही ठहराया और चुनाव परिणाम को निरस्त कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश को इंदिरा गांधी ने मानने से मना कर दिया। इंदिरा गांधी इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। इससे इंदिरा गांधी को गहरा धक्का लगा और उन्होंने राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद के आदेशानुसार देश में आपातकाल की घोषणा कर दी और देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी और नेताओं को जेल में डाल दिया।

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